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महाकुंभ पर पीएम मोदी की चुप्पी पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल

PM Modi: लोकसभा में मंगलवार को महाकुंभ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद हंगामा हुआ, जिससे सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित करना पड़ा। इस दौरान नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी को प्रयागराज में 29 जनवरी को हुए महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।

राहुल गांधी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। लेकिन यह भी सच है कि भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। प्रधानमंत्री को उनके लिए भी कुछ कहना चाहिए था।”

विपक्ष ने महाकुंभ की सफलता पर उठाए सवाल

महाकुंभ (13 जनवरी – 26 फरवरी) पर पीएम मोदी ने कहा कि यह आयोजन भारत की क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने देश में एकता की भावना को मजबूत किया। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, “महाकुंभ ऐसा आयोजन है, जिसमें देश के हर कोने से लोग आते हैं। वे अपने अहंकार को छोड़कर ‘मैं’ नहीं बल्कि ‘हम’ की भावना से एकत्र होते हैं।”

हालांकि, विपक्ष ने इस बयान पर आपत्ति जताई और पीएम मोदी पर सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा कि उन्हें भी सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया जा रहा है। यह नया भारत है।”

भगदड़ पर केंद्र के पास कोई जानकारी नहीं

महाकुंभ के दौरान भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए थे। लेकिन, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में कहा कि केंद्र सरकार के पास इस हादसे में मारे गए या घायल हुए लोगों का कोई डेटा नहीं है।

उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा, “भगदड़ जैसी आपदाओं की जांच करना और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। केंद्र सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।”

महाकुंभ को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा

पीएम मोदी ने महाकुंभ को भारत की एकता का प्रतीक बताया और इसे स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख पड़ावों से जोड़ा। उन्होंने कहा, “1857 की क्रांति, भगत सिंह का बलिदान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का ‘चलो दिल्ली’ नारा और महात्मा गांधी का दांडी मार्च—इन सभी घटनाओं की तरह महाकुंभ भी राष्ट्र की आत्मा को जागृत करने वाला आयोजन है।”

विपक्ष ने बताया “ध्यान भटकाने वाला बयान”

प्रधानमंत्री के बयान के बाद विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इसे “ध्यान भटकाने वाला बयान” बताया और कहा कि पीएम मोदी असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘डैमेज कंट्रोल’ मोड में हैं। वे अपने सांसदों से तारीफ सुनना चाहते हैं, लेकिन अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगा दिया है। संसद ‘मन की बात’ नहीं, बल्कि दोतरफा संवाद का मंच है।”

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी कहा कि विपक्ष को महाकुंभ पर अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “विपक्ष की भी महाकुंभ से जुड़ी भावनाएं हैं, इसलिए उन्हें भी बोलने का अवसर मिलना चाहिए था।”

महाकुंभ को लेकर संसद में हुए इस विवाद ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी इसे भारत की क्षमता और एकता का प्रतीक बता रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष भगदड़ की अनदेखी और रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है।

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