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2012 होटल विवाद मामला: Malaika Arora के खिलाफ फिर से जारी हुआ ज़मानती वारंट

Malaika Arora: मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा के खिलाफ 2012 के होटल विवाद मामले में फिर से ज़मानती वारंट जारी किया है। यह मामला अभिनेता सैफ अली खान और दो अन्य लोगों के खिलाफ है, जिसमें मलाइका अरोड़ा गवाह के रूप में नामित हैं। अदालत ने पहले भी उन्हें गवाही देने के लिए समन भेजा था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं।

Malaika Arora: अदालत का रुख सख्त

15 मार्च को अदालत ने मलाइका अरोड़ा और उनकी बहन अमृता अरोड़ा लद्दाख के खिलाफ ज़मानती वारंट जारी किया था, क्योंकि दोनों पहले की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुई थीं। बाद में, 29 मार्च को अमृता अरोड़ा अदालत में गवाह के रूप में पेश हुईं और अपना बयान दर्ज कराया। हालांकि, मलाइका अरोड़ा एक बार फिर सुनवाई में अनुपस्थित रहीं, जिसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ ₹5,000 का ज़मानती वारंट पुनः जारी किया। अदालत ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि वारंट की रिपोर्ट 29 अप्रैल तक पेश की जाए।

Malaika Arora: क्या है मामला?

यह मामला 21 फरवरी, 2012 का है, जब सैफ अली खान, मलाइका अरोड़ा, अमृता अरोड़ा, शकील लद्दाख (अमृता के पति) और बिलाल अमरोही दक्षिण मुंबई के एक पांच सितारा होटल के रेस्तरां में रात का खाना खा रहे थे। उसी दौरान, दक्षिण अफ्रीका के एनआरआई इकबाल मीर शर्मा के साथ उनकी बहस हो गई, जो देखते ही देखते झगड़े में बदल गई।

इकबाल शर्मा ने कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी कि अभिनेता सैफ अली खान ने उनके नाक पर मुक्का मारा, जिससे उनकी नाक की हड्डी टूट गई। इस मामले में सैफ के साथ-साथ शकील लद्दाख और बिलाल अमरोही को भी आरोपी बनाया गया।

Malaika Arora: अब तक तीन गवाह पेश

इस केस में अब तक तीन गवाह अदालत में पेश हो चुके हैं। मलाइका अरोड़ा भी इस मामले की एक अहम गवाह हैं, जिनका बयान अब तक दर्ज नहीं हो सका है। अदालत उनके कई बार समन भेज चुकी है, लेकिन वह सुनवाई में हाज़िर नहीं हुईं। ऐसे में अदालत का रवैया अब कड़ा हो गया है और बार-बार अनुपस्थित रहने के चलते ज़मानती वारंट जारी किया गया है।

गवाही में देरी से प्रभावित हो रहा केस

इस केस की सुनवाई पिछले कुछ वर्षों से चल रही है, लेकिन गवाहों की अनुपस्थिति और बार-बार स्थगन के चलते इसकी प्रक्रिया धीमी हो गई है। अदालत अब इस मामले को जल्द निपटाने की दिशा में गंभीरता दिखा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मलाइका अरोड़ा अगली सुनवाई में भी हाज़िर नहीं होती हैं, तो अदालत उनके खिलाफ गैर-ज़मानती वारंट जारी कर सकती है। चूंकि वह एक महत्वपूर्ण गवाह हैं, उनका बयान केस की दिशा को प्रभावित कर सकता है।

सैफ अली खान की प्रतिक्रिया

सैफ अली खान ने इस पूरे मामले पर सार्वजनिक रूप से ज्यादा टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, शुरुआती जांच के दौरान उन्होंने यह कहा था कि उन्होंने आत्मरक्षा में ऐसा किया क्योंकि इकबाल शर्मा ने पहले उन्हें उकसाया था।

इस बीच, शर्मा का कहना है कि वह केवल अपनी फैमिली के साथ शांति से खाना खा रहे थे और सैफ और उनके दोस्तों ने बदतमीज़ी की शुरुआत की थी।

निष्कर्ष

मलाइका अरोड़ा के खिलाफ फिर से जारी ज़मानती वारंट इस बात का संकेत है कि अदालत अब गवाहों की अनुपस्थिति को हल्के में नहीं ले रही है। इस केस में पहले ही 12 साल से अधिक का समय लग चुका है और न्याय प्रक्रिया को अब गति देने की आवश्यकता है।

अगली सुनवाई में मलाइका की उपस्थिति इस केस की दिशा और परिणाम पर अहम असर डाल सकती है। अब देखना होगा कि क्या वह अदालत के आदेश का पालन करती हैं या अदालत को और सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।

Malaika Arora:

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