
Aurangzeb: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा, गाड़ियां जला दी गईं और करीब 40 लोग घायल हो गए। इसी मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तंज कसा और सवाल उठाया कि 300 साल पहले मर चुके किसी व्यक्ति को लेकर झगड़ा करने की क्या जरूरत है?
“अगर कब्र हटानी है तो…”
उद्धव ठाकरे ने कहा, “अगर आपको औरंगजेब की कब्र हटानी है तो हटा सकते हैं, लेकिन पहले चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए…” यह तंज इसलिए कसा गया क्योंकि ये दोनों नेता बीजेपी के सहयोगी हैं और उनके राज्यों में मुस्लिम आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, जिनके वोट चुनावों में अहम माने जाते हैं।
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने यह भी याद दिलाया कि औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था, ना कि महाराष्ट्र में। उन्होंने कहा कि बीजेपी बेवजह महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है।
“बीजेपी महाराष्ट्र को मणिपुर बनाना चाहती है”
ठाकरे के बेटे और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है। “जब बीजेपी सरकार में विफल होती है तो दंगे और हिंसा कराती है। अगर आप मणिपुर को देखेंगे तो वही चीज महाराष्ट्र में भी करने की कोशिश हो रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो कब्र हटाने की बात कर रहे हैं, वे यह भूल रहे हैं कि यह कब्र केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित है।
हिंसा कैसे भड़की?
सोमवार रात 7:30 बजे नागपुर में हिंसा भड़क गई। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र का प्रतीकात्मक रूप से विरोध करने के लिए उसकी तस्वीर को हरे कपड़े में लपेटकर जलाया। इसके बाद अफवाहें फैलीं कि उन्होंने कब्र को जलाने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह एक साजिश थी। उन्होंने कहा, “VHP ने केवल सूखे घास के ढेर से एक प्रतीकात्मक कब्र बनाई थी, लेकिन गलत जानकारी फैलाकर लोगों को भड़काया गया। इसके बाद करीब 250 मुस्लिम प्रदर्शनकारी वहां पहुंच गए और हिंसा की धमकी देने लगे।”
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। फिलहाल, प्रशासन हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है और हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
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