
SEBI: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को नया अध्यक्ष मिल गया है। वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे को कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी मिलने के बाद तीन साल के कार्यकाल के लिए सेबी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है।
SEBI: सेबी की पहली महिला अध्यक्ष थीं माधबी पुरी बुच
माधबी पुरी बुच ने 2 मार्च 2022 को सेबी की अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। वह इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं। उनसे पहले, अजय त्यागी ने मार्च 2017 से फरवरी 2022 तक सेबी का नेतृत्व किया था।
SEBI: तुहिन कांता पांडे कौन हैं?
तुहिन कांता पांडे एक वरिष्ठ IAS अधिकारी (1987 बैच) हैं। इससे पहले, वह भारत के वित्त सचिव थे और उन्होंने राजकोषीय और आर्थिक नीतियों को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
SEBI: उनका करियर सफर
- सितंबर 2024 में भारत के वित्त सचिव बने।
- जनवरी 2025 में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव बने।
- निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।
- पब्लिक एंटरप्राइजेज (DPE) और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में भी अहम पदों पर रह चुके हैं।
शिक्षा और पृष्ठभूमि
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री (M.A.) ली है।
- यू.के. से एम.बी.ए. किया है।
- ओडिशा राज्य सरकार और केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक भूमिकाएँ निभाई हैं।
सेबी का महत्व
SEBI भारत में शेयर बाजार और वित्तीय बाजारों को नियंत्रित करने वाला सबसे बड़ा संस्थान है। इसका काम निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता बनाए रखना है।
नए अध्यक्ष से क्या उम्मीदें?
तुहिन कांता पांडे के पास आर्थिक नीतियों और सार्वजनिक निवेश प्रबंधन का लंबा अनुभव है। उनके नेतृत्व में सेबी से यह उम्मीद की जा रही है कि वह भारतीय शेयर बाजार को और मजबूत बनाएंगे, निवेशकों के हितों की रक्षा करेंगे और बाजार में पारदर्शिता को और बढ़ावा देंगे।
👉 निष्कर्ष
तुहिन कांता पांडे को सेबी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता से भारतीय वित्तीय बाजारों में और सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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