
Modi: तमिलनाडु की राजनीति में इन दिनों एक बड़ा सवाल गर्माया हुआ है – केंद्र सरकार से राज्य को कितना फंड मिला? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने हाल ही में दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने तमिलनाडु को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के मुकाबले तीन गुना ज़्यादा धन दिया है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब तमिलनाडु में चुनावी माहौल बन रहा है और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के साथ भेदभाव कर रही है।
Modi: और शाह के दावे
प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम में अपने भाषण में कहा,
“पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु को केंद्र सरकार से मिलने वाला फंड 2014 से पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ा है। फिर भी कुछ लोग हमेशा शिकायत करते रहते हैं। मोदी सरकार ने तमिलनाडु को जितना धन दिया है, वह INDI गठबंधन की सरकार की तुलना में तीन गुना अधिक है।”
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कोयंबटूर में 26 फरवरी को दिए गए अपने भाषण में आंकड़े साझा करते हुए कहा,
“2014 से 2024 के बीच मोदी सरकार ने तमिलनाडु को ₹5.08 लाख करोड़ की राशि प्रदान की। जबकि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार ने केवल ₹1.52 लाख करोड़ दिए थे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस ₹5.08 लाख करोड़ के अलावा, NDA सरकार ने तमिलनाडु के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹1.43 लाख करोड़ अतिरिक्त दिए हैं।

Modi: स्टालिन के आरोपों का जवाब?
डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन बार-बार यह कहते रहे हैं कि केंद्र सरकार तमिलनाडु को उसका वाजिब हिस्सा नहीं दे रही है। वे आरोप लगाते हैं कि राज्य को टैक्स रेवेन्यू में कम हिस्सा दिया जा रहा है और योजनाओं में भेदभाव किया जा रहा है।
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा इन बयानों के ज़रिए यही संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि तमिलनाडु के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है, बल्कि बीते दस वर्षों में विकास को प्राथमिकता दी गई है।
Modi: रेलवे बजट में सात गुना वृद्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी बताया कि तमिलनाडु के रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए वार्षिक बजट में भारी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा,
“2014 से पहले तमिलनाडु के रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए केवल ₹900 करोड़ सालाना आवंटित होते थे, लेकिन बीते एक दशक में यह सात गुना बढ़ा है।”
तमिलनाडु की भूमिका ‘विकसित भारत’ में
मोदी ने यह भी कहा कि ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भरोसा जताया कि तमिलनाडु जितना मजबूत होगा, भारत की विकास यात्रा उतनी ही तेज़ होगी।
असली सवाल: किसे कितना मिला और कैसे?
हालांकि बीजेपी के दावे अपने स्थान पर हैं, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि इन आंकड़ों को विस्तार से जांचा जाए। क्या ₹5.08 लाख करोड़ की यह राशि योजनागत फंडिंग थी या इसमें टैक्स डिवोल्यूशन और अन्य ट्रांसफर भी शामिल थे? और क्या इनकी तुलना ₹1.52 लाख करोड़ से करना तर्कसंगत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई, जीडीपी का आकार और योजनाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जिससे कुल फंडिंग में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। लेकिन इस बहस का राजनीतिक महत्व इससे कहीं ज़्यादा है – क्योंकि यह सीधा मतदाता की सोच को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष
तमिलनाडु में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है और डीएमके की ‘अन्याय’ वाली कहानी को ‘विकास’ के दावे से काट रही है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बयानों से साफ है कि बीजेपी 2024 के बाद 2026 के विधानसभा चुनावों की जमीन तैयार कर रही है।
आंकड़े क्या कहते हैं, यह विश्लेषण का विषय हो सकता है, लेकिन फिलहाल राजनीति में यह मुकाबला सिर्फ धन के आंकड़ों का नहीं, बल्कि भरोसे और भविष्य की दिशा का है।
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