
Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक टैरिफ को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी को “बहुत स्मार्ट व्यक्ति” बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ताएं सफल साबित होंगी।
Donald Trump: भारत को बताया हाई-टैरिफ देश
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “उच्च टैरिफ लगाने वाला देश” करार दिया और कहा कि अमेरिका, उन देशों पर “पारस्परिक” (reciprocal) टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाते हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में यहाँ आए थे। हम हमेशा से अच्छे मित्र रहे हैं। भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। यह काफी कठोर है। मोदी एक बहुत स्मार्ट व्यक्ति और मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। हमारी वार्ताएं बहुत अच्छी रहीं और मुझे लगता है कि भारत और अमेरिका के बीच यह मामला बहुत अच्छे से सुलझ जाएगा।”
Donald Trump: अमेरिका में वाहनों पर 25% टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान उस समय आया जब उन्होंने अमेरिका में आयातित वाहनों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होने वाला है और इससे अमेरिका में बिकने वाले लगभग आधे वाहनों पर प्रभाव पड़ेगा, जिनमें वे अमेरिकी ब्रांड भी शामिल हैं जो विदेशों में निर्मित किए जाते हैं।
Donald Trump: पारस्परिक टैरिफ की नीति
ट्रंप ने फरवरी में भी भारत के टैरिफ नीति पर सवाल उठाते हुए पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, “हम जल्द ही पारस्परिक टैरिफ लागू करेंगे – अगर कोई देश, जैसे कि भारत या चीन, हम पर शुल्क लगाते हैं, तो हम भी उन पर समान शुल्क लगाएंगे। हम निष्पक्ष रहना चाहते हैं, इसलिए पारस्परिक टैरिफ आवश्यक है।”
फरवरी में पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में वाशिंगटन डीसी का दौरा किया था और डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ताएं की थीं। यह यात्रा ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण के लगभग एक महीने बाद हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया, जिससे दोनों देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
‘मिशन 500’: 2030 तक 500 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए ‘मिशन 500’ की घोषणा की। इस पहल के तहत दोनों देशों ने 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं के कुल व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में सुधार की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा पारस्परिक टैरिफ लागू करने से भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है। हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक रूप से व्यापारिक संबंध मजबूत रहे हैं और दोनों देश एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार हैं।
भारत की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव
भारत सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिका के उच्च टैरिफ नीति से भारत के निर्यातकों पर असर पड़ सकता है। विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, स्टील और फार्मास्युटिकल सेक्टर पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालाँकि, दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार संतुलन को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद, व्यापारिक टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद देखने को मिले हैं। हालांकि, ‘मिशन 500’ जैसी पहलें यह संकेत देती हैं कि दोनों देश दीर्घकालिक व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ से भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है और दोनों देश इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं।
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