Kerala: में फायरफाइटर्स ने व्यक्ति के गुप्तांग में फंसे लोहे के वॉशर को सुरक्षित निकाला

Kerala: फायर एंड रेस्क्यू टीम को आमतौर पर आग बुझाने और आपातकालीन स्थितियों में लोगों की जान बचाने के लिए जाना जाता है। लेकिन कभी-कभी उन्हें ऐसे असामान्य चिकित्सा मामलों से भी निपटना पड़ता है जहां डॉक्टरों को उनकी सहायता की आवश्यकता होती है। केरल के कासरगोड जिले के कन्हांगड़ स्थित जिला अस्पताल में हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां फायर एंड रेस्क्यू टीम ने एक व्यक्ति के गुप्तांग में फंसे लोहे के वॉशर को हटाने में डॉक्टरों की सहायता की।
Kerala: तीन दिन तक झेलनी पड़ी पीड़ा
46 वर्षीय व्यक्ति तीन दिनों तक गंभीर पीड़ा सहने के बाद अस्पताल पहुंचा। उसके गुप्तांग में फंसे लोहे के वॉशर के कारण उसमें अत्यधिक सूजन आ गई थी और वह पेशाब करने में असमर्थ था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसे तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत थी।
डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रात 10 बजे कन्हांगड़ फायर एंड रेस्क्यू स्टेशन से सहायता मांगी।
Kerala: दो घंटे तक चला ऑपरेशन
कन्हांगड़ फायर एंड रेस्क्यू स्टेशन के अधिकारी पी. वी. पविथ्रन ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था और इसे पूरा करने में लगभग दो घंटे लगे। टीम ने ‘रिंग कटर’ नामक विशेष उपकरण का उपयोग किया, जिसे आमतौर पर उंगलियों में फंसी अंगूठी को काटने के लिए प्रयोग किया जाता है।
“यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला था क्योंकि लोहे का वॉशर गुप्तांग के चारों ओर कसकर फंसा हुआ था। अगर इसे ठीक से नहीं हटाया जाता, तो व्यक्ति को स्थायी क्षति हो सकती थी,” पविथ्रन ने कहा।
Kerala: डॉक्टरों और फायरफाइटर्स की संयुक्त मेहनत
ऑपरेशन के दौरान व्यक्ति को बेहोश किया गया था ताकि किसी भी अनावश्यक हलचल से बचा जा सके। डॉक्टरों और फायर एंड रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने मिलकर अत्यधिक सावधानी से वॉशर को काटने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि व्यक्ति को कोई और नुकसान न पहुंचे।
आखिरकार, करीब दो घंटे की मेहनत के बाद लोहे के वॉशर को सफलता पूर्वक काटकर निकाल लिया गया और व्यक्ति को राहत मिली।
कैसे फंसा वॉशर?
जब व्यक्ति से पूछा गया कि यह वॉशर उसके गुप्तांग में कैसे फंस गया, तो उसने दावा किया कि किसी ने उसके नशे की हालत में उसके साथ यह हरकत की थी। हालांकि, इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है।
ऐसे मामलों में सावधानी जरूरी
यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो नशे की हालत में अपनी सुरक्षा को नजरअंदाज कर देते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं गंभीर चिकित्सा समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं, जिनमें न केवल दर्द और असुविधा शामिल होती है, बल्कि यह स्थायी क्षति का कारण भी बन सकती है। ऐसे में, यदि किसी व्यक्ति को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़े, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
फायर एंड रेस्क्यू टीम का योगदान
फायर एंड रेस्क्यू टीम की भूमिका केवल आग बुझाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे ऐसे आपातकालीन चिकित्सा मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस घटना में उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और कुशलता ने व्यक्ति की जान बचाने में अहम योगदान दिया।
निष्कर्ष
केरल के कन्हांगड़ जिला अस्पताल में हुई यह घटना एक असामान्य चिकित्सा स्थिति थी, जिसमें फायर एंड रेस्क्यू टीम ने डॉक्टरों के साथ मिलकर सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। यह मामला इस बात को दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में किस तरह से विभिन्न विभागों का समन्वय आवश्यक होता है।
यह घटना उन सभी के लिए एक सीख है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। किसी भी असामान्य चिकित्सा समस्या के मामले में शीघ्र चिकित्सा सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है।
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