
Bengaluru: कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को बताया कि सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने एक पत्र सौंपकर उनके खिलाफ हनी-ट्रैप की कोशिश की जानकारी दी है। इससे पहले राजन्ना ने अपनी व्यस्तताओं के कारण शिकायत दर्ज न करा पाने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने तीन पृष्ठों का पत्र लिखकर इस मामले को विस्तार से बताया है।
गृहमंत्री परमेश्वर ने इस पत्र को प्राप्त करने की पुष्टि की और कहा कि इस पर आगे की कार्रवाई मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ चर्चा के बाद तय की जाएगी। उन्होंने कहा, “राजन्ना पहले से तय कार्यक्रमों में व्यस्त थे, इसलिए वे शिकायत दर्ज नहीं करा सके। आज (मंगलवार) उन्होंने एक पत्र दिया है, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया है। इस पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए, यह मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद तय किया जाएगा। इस मामले की जांच किस स्तर पर होगी और कौन इसे देखेगा, यह भी चर्चा के बाद ही तय किया जाएगा।”
जब गृह मंत्री से पूछा गया कि क्या राजन्ना का पत्र एक पुलिस शिकायत माना जाएगा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक ‘प्रतिनिधित्व’ है। उन्होंने कहा, “मैं इसे शिकायत नहीं बल्कि एक प्रतिनिधित्व कहूंगा। पुलिस में शिकायत दर्ज कराना अलग प्रक्रिया है। इस पत्र के आधार पर हम कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे।”
Bengaluru: राजन्ना ने क्या कहा?
राजन्ना ने पत्र सौंपने से पहले तुमकुरु में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी व्यस्तताओं के कारण अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। उन्होंने कहा, “मैंने शिकायत इसलिए नहीं की क्योंकि मैं कई कार्यक्रमों में व्यस्त था। मुख्यमंत्री ने मुझसे पूछा कि अब तक मैंने शिकायत क्यों नहीं की। मैंने उन्हें बताया कि मैं आज (मंगलवार) शिकायत दर्ज कराऊंगा। मैंने तीन पृष्ठों की शिकायत लिखी है और इसे गृहमंत्री जी परमेश्वर को सौंपूंगा। शिकायत दर्ज होने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी और फिर दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जाएंगे।”
Bengaluru: कैसे हुआ हनी-ट्रैप का प्रयास?
राजन्ना ने इस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक व्यक्ति दो बार उनके बेंगलुरु स्थित आवास पर आया और हर बार उसके साथ एक अलग महिला थी। उन्होंने कहा, “वही व्यक्ति दो अलग-अलग महिलाओं को मेरे घर लेकर आया। दूसरी बार आई महिला ने खुद को उच्च न्यायालय की वकील बताया और मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा जताई। यदि मुझे तस्वीरें दिखाई जाएं तो मैं उसे पहचान सकता हूं। चूंकि मेरे घर पर सीसीटीवी कैमरा नहीं था, इसलिए मैं इस घटना का कोई वीडियो प्रमाण नहीं दे सकता। मैंने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिन्होंने मुझे हनी-ट्रैप करने की कोशिश की।”
Bengaluru: 48 अन्य नेताओं को भी फंसाने की साजिश!
राजन्ना ने इस मामले को सबसे पहले 20 मार्च को कर्नाटक विधानसभा में उठाया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके अलावा 48 अन्य विधायकों, केंद्रीय नेताओं, न्यायाधीशों और विभिन्न दलों के नेताओं को भी हनी-ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ, बल्कि 48 अन्य लोग, जिनमें केंद्रीय नेता, न्यायाधीश और विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं, इस साजिश का शिकार बनने वाले थे। इनकी वीडियो और आपत्तिजनक सीडी बनाई जा रही हैं और ब्लैकमेल किया जा रहा है।”
सरकार का अगला कदम क्या होगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में सरकार क्या कदम उठाती है। गृह मंत्री परमेश्वर ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच के लिए किस स्तर पर कार्रवाई होगी, यह मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद तय किया जाएगा।
यह मामला राज्य की राजनीति में हलचल मचाने वाला हो सकता है, क्योंकि इसमें कई बड़े नेताओं और न्यायपालिका से जुड़े लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आई है। यदि इस मामले की गहन जांच होती है, तो यह हनी-ट्रैप गैंग का बड़ा खुलासा हो सकता है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि यदि राजन्ना की बात सही साबित होती है, तो यह कर्नाटक की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकती है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और गृह मंत्री परमेश्वर इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और क्या सच में इस हनी-ट्रैप गैंग का पर्दाफाश हो पाता है या नहीं।
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