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India ने फ्रांस से ₹63,000 करोड़ की डील में खरीदे 26 राफेल मरीन फाइटर जेट, नौसेना को मिलेगी बड़ी ताकत

India: भारत सरकार ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीदने की एक मेगा डिफेंस डील को मंजूरी दे दी है, जिसकी अनुमानित लागत ₹63,000 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। यह अब तक की भारत की सबसे बड़ी फाइटर जेट डील मानी जा रही है। यह समझौता इसी महीने फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकर्नू की भारत यात्रा के दौरान आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित होने की उम्मीद है।

इस डील को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दी है। इस डील के तहत भारतीय नौसेना को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन (Rafale-M) जेट्स मिलेंगे।

India: सौदे में शामिल हैं ये प्रमुख बातें:

  • बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिक्स और नौसैनिक कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए व्यापक सपोर्ट।
  • भारत में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऑफसेट दायित्वों के तहत विशेष प्रावधान।
  • भारतीय वायुसेना (IAF) में पहले से सेवा में मौजूद 36 राफेल विमानों के अपग्रेड, उपकरण और स्पेयर पार्ट्स भी इस डील का हिस्सा हैं।

गौरतलब है कि भारत और फ्रांस ने सितंबर 2016 में ₹59,000 करोड़ की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी, जो अब भारतीय वायुसेना के अंबाला और हासीमारा एयरबेस पर तैनात हैं।

India: INS विक्रांत पर होंगे तैनात

नई खरीदी गई राफेल मरीन जेट्स खासतौर पर भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने जुलाई 2023 में इस खरीद को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

India: डिलीवरी टाइमलाइन और भविष्य की योजनाएं

सभी 26 राफेल-M जेट्स की डिलीवरी अनुबंध पर हस्ताक्षर की तारीख से 37 से 65 महीनों के भीतर की जाएगी। पूरी तरह से इन्हें नौसेना में शामिल करने की समयसीमा वर्ष 2030–31 तक तय की गई है।

‘बड्डी-बड्डी’ एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम

इस डील के तहत भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी, जिसमें “बड्डी-बड्डी” एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम को अपग्रेड करना शामिल है। इस तकनीक के तहत एक राफेल जेट अन्य जेट्स को हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा देगा।

स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की तैयारी

रिपोर्ट्स के अनुसार, नौसेना भविष्य में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को भी अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है। इसके लिए एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर विशेष उपकरणों की स्थापना की जाएगी, जिससे 4.5 जेनरेशन राफेल जेट्स का संचालन संभव हो सके।


निष्कर्ष
यह ऐतिहासिक डील न केवल भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों की यह मिसाल आने वाले वर्षों में रणनीतिक मजबूती का प्रतीक बन सकती है।

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