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Rahul Gandhi के बयानों पर फडणवीस का पलटवार: ‘देश को बदनाम करना बंद करें’

Rahul Gandhi: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर धूमिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) पर सवाल उठाकर न केवल एक संवैधानिक संस्था का अपमान किया है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे को भी बदनाम किया है।

फडणवीस का यह बयान उस समय आया जब राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन शहर में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सिर्फ दो घंटे में 65 लाख नए वोटरों की एंट्री “शारीरिक रूप से असंभव” थी।

Rahul Gandhi: फडणवीस ने राहुल गांधी को दी सलाह

मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “यह दुखद है कि राहुल गांधी विदेशी जमीन पर जाकर हमारे देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ झूठ फैला रहे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है, उन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं, जो निंदनीय हैं।”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी को जनता से विश्वास जीतकर अपने वोट प्रतिशत में सुधार करना चाहिए, न कि देश को बदनाम करके। कांग्रेस की चुनावी हार की वजह से वह चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। यह उनके चरित्र पर सवाल खड़ा करता है।”

Rahul Gandhi: कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने फडणवीस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए, तो सबसे पहले भाजपा बचाव में आई। “यह सवाल उठता है कि आखिर भाजपा और चुनाव आयोग एक-दूसरे के इतने करीबी क्यों हैं?” खेड़ा ने पूछा।

खेड़ा ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग वास्तव में निष्पक्ष है और भाजपा के प्रभाव में नहीं है, तो उसे कांग्रेस द्वारा आठ महीने पहले मांगी गई वोटर्स लिस्ट क्यों नहीं दी गई?

Rahul Gandhi: मोदी के पुराने बयानों की याद दिलाई

पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विदेश में कहा था कि “एक समय था जब भारत में जन्म लेने को लोग दुर्भाग्य मानते थे।” खेड़ा ने कहा कि “देश के बाहर जाकर बयान देने की परंपरा तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की थी।”

राहुल गांधी का गंभीर आरोप

राहुल गांधी ने बोस्टन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान मतदाता सूची में जोड़े गए 65 लाख वोट दो घंटे के भीतर दर्ज किए गए थे, जो कि “भौतिक रूप से असंभव” है। उन्होंने कहा, “ECI ने शाम 5:30 बजे जो आंकड़ा दिया था, उसके दो घंटे बाद यानी 7:30 बजे तक 65 लाख अतिरिक्त वोट दर्ज हो गए। ये आंकड़े चुनाव आयोग के खुद के थे।”

उन्होंने आगे कहा, “ये बहुत स्पष्ट है कि चुनाव आयोग समझौता कर चुका है। व्यवस्था में कुछ बहुत गलत है।”

निष्कर्ष

फडणवीस और भाजपा का यह मानना है कि राहुल गांधी देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जबकि कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र में सवाल पूछना अधिकार है और चुनाव आयोग जैसी संस्था को पारदर्शिता रखनी चाहिए। इस पूरे विवाद से एक बार फिर यह स्पष्ट होता है कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास और पारदर्शिता को लेकर राजनीतिक दलों के बीच गंभीर मतभेद हैं।

राजनीतिक संवाद में इस तरह की तीखी बहसें आम हो गई हैं, लेकिन जब आरोप और प्रत्यारोप देश की लोकतांत्रिक नींव से जुड़े हों, तो इन पर गंभीरता से विचार होना जरूरी है। सवाल यह नहीं कि कौन सही है, बल्कि यह है कि लोकतंत्र की विश्वसनीयता को कैसे बरकरार रखा जाए।

Rahul Gandhi:

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