
Waqf: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को संसद ने पारित कर दिया है। गुरुवार को लोकसभा में विधेयक को 288-232 मतों से मंजूरी मिलने के बाद, शुक्रवार तड़के राज्यसभा में 12 घंटे की लंबी बहस के बाद यह विधेयक 128-95 के अंतर से पारित हुआ।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विधेयक के पारित होने की घोषणा करते हुए कहा, “पक्ष में 128, विपक्ष में 95 और अनुपस्थित कोई नहीं – विधेयक पारित हुआ।”
Waqf: क्या है वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025?
यह विधेयक वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करता है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाना है। इसमें वक्फ ट्रिब्यूनल को मजबूत करना, एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से संपत्ति प्रबंधन को डिजिटल करना और विवाद समाधान की प्रक्रिया को तेज़ करना शामिल है।

Waqf: विधेयक की मुख्य बातें:
- वक्फ ट्रिब्यूनल्स की शक्तियों और चयन प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा।
- वक्फ संस्थानों की बोर्ड में अनिवार्य योगदान दर 7% से घटाकर 5% कर दी गई है।
- जिन वक्फ संस्थानों की सालाना आय ₹1 लाख से अधिक है, उनका ऑडिट राज्य सरकार के अधिकृत ऑडिटर्स द्वारा किया जाएगा।
- वक्फ संपत्ति प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल बनाया जाएगा जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
- पांच साल से अधिक समय से इस्लाम धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ को समर्पित कर सकेंगे।
- वक्फ घोषित करने से पहले महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति में हिस्सा देना अनिवार्य होगा; विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के लिए विशेष प्रावधान होंगे।
- जिन सरकारी संपत्तियों को वक्फ बताया गया है, उनकी जांच कलेक्टर से उच्च अधिकारी करेंगे।
- वक्फ बोर्डों में समावेशिता के लिए गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा।
Waqf: राज्यसभा में तीखी बहस
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधेयक को “असंवैधानिक” बताते हुए कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को दबाने का प्रयास है और देश की शांति और सौहार्द को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस विधेयक को वापस लिया जाए।
वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष इस विधेयक को लेकर लोगों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का वक्फ संपत्तियों पर कोई हस्तक्षेप नहीं है, और जो बदलाव किए गए हैं वे समुदाय के करोड़ों लोगों के हित में हैं।
बीजेपी सांसद जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस पर मुस्लिम महिलाओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार ने तीन तलाक को खत्म कर उन्हें मुख्यधारा में लाया।
बीजेडी सांसद ने दी व्यक्तिगत समर्थन
बीजू जनता दल (BJD) के सांसद मुझीबुल्ला खान ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय इस विधेयक को लेकर चिंतित है। हालांकि, पार्टी के राज्यसभा नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि बीजेडी ने इस मुद्दे पर कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं किया और सांसदों को अपनी अंतरात्मा के अनुसार मतदान की छूट दी। पात्रा ने व्यक्तिगत रूप से विधेयक का समर्थन किया।

विरोध और भविष्य की राह
जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम ने विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की योजना बना रहे हैं। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) की सांसद फौजिया खान ने भी विधेयक के खिलाफ विरोध जारी रखने की बात कही।
अब यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। यदि वहां से मंजूरी मिल जाती है, तो यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
निष्कर्ष:
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर संसद में गर्म बहस और गहरे मतभेद देखने को मिले। जहां सरकार इसे मुस्लिम समुदाय के हित में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे असंवैधानिक और समुदाय विरोधी करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि यह कानून लागू होने के बाद समाज और न्यायिक व्यवस्था में क्या प्रभाव डालता है।
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