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Lucknow: सुपर कुख्यात गैंगस्टर Anuj कन्नौजिया एनकाउंटर में ढेर, 23 मामलों में था वांछित

Lucknow: पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो दशकों से आतंक का पर्याय बने कुख्यात गैंगस्टर और शूटर अनुज कन्नौजिया को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जमशेदपुर में एनकाउंटर में मार गिराया गया। पुलिस के अनुसार, कन्नौजिया पर कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज थे।

₹2.5 लाख का इनामी बदमाश था कन्नौजिया
शनिवार रात हुए इस एनकाउंटर में मारे गए 42 वर्षीय अनुज कन्नौजिया पर ₹2.5 लाख का इनाम घोषित था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि वह कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी गिरोह का मुख्य शूटर था। पुलिस और कन्नौजिया के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें अंततः उसे ढेर कर दिया गया।

पहली हत्या 2003 में की थी
मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव निवासी कन्नौजिया ने 2003 में रानीपुर थाना क्षेत्र में पहली हत्या को अंजाम दिया था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ता गया।

हत्या, हत्या के प्रयास और गैंगस्टर एक्ट के तहत थे मामले
अनुज कन्नौजिया के खिलाफ मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती और गैंगस्टर एक्ट सहित कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस के अनुसार, एनकाउंटर के दौरान उसके पास से एक 9MM और एक .32 बोर की पिस्तौल बरामद हुई।

मुख्तार अंसारी की बरसी पर हुआ एनकाउंटर
गौरतलब है कि जिस दिन कन्नौजिया का एनकाउंटर हुआ, वही दिन मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी की पहली पुण्यतिथि भी थी। अंसारी का 28 मार्च 2024 को बांदा जेल में कथित हृदयगति रुकने से निधन हो गया था।

व्यक्तिगत दुश्मनी से अपराध की दुनिया तक सफर
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कन्नौजिया ने अपने गांव में व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते अपराध की दुनिया में कदम रखा। बाद में मुख्तार अंसारी ने उसे संरक्षण दिया और वह गिरोह का खतरनाक शूटर बन गया।

फिरौती और ठेकेदारी में भी सक्रिय था कन्नौजिया
अनुज कन्नौजिया की कुख्याति धीरे-धीरे बढ़ती गई और वह मऊ तथा आसपास के जिलों में व्यापारियों से जबरन वसूली करने लगा। उसकी पत्नी रीना और रिश्तेदार शिवरतन भी इस काम में उसकी मदद करते थे। दोनों को लगभग दो साल पहले जमशेदपुर में गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस से बचने के लिए बदलता रहा ठिकाने
2022 से वह अपनी पत्नी के साथ जमशेदपुर में रह रहा था। पत्नी की गिरफ्तारी के बाद उसने कुछ समय के लिए शहर छोड़ दिया और नए नाम से वापस आया। पुलिस से बचने के लिए वह बिहार और झारखंड के कई शहरों में लगातार ठिकाने बदलता रहा।

अंततः पुलिस के शिकंजे में आया
पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी, और अंततः एसटीएफ ने झारखंड पुलिस के साथ मिलकर उसे एनकाउंटर में मार गिराया। इस कार्रवाई को पुलिस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

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