
Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान कि मोदी उनसे बेहतर वार्ताकार हैं, काफी महत्वपूर्ण है। इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं।
व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का सम्मान
व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा,
“मोदी मुझसे कहीं ज़्यादा सख्त और बेहतर वार्ताकार हैं। इसमें कोई मुकाबला नहीं है।”
ट्रंप के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब एक ऐसे व्यक्ति, जिसे उनके रक्षा सचिव ने दुनिया का सबसे महान वार्ताकार बताया, भारतीय प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हैं, तो यह निश्चित रूप से भारत के लिए गर्व की बात है।
सोशल मीडिया पर आईं प्रतिक्रियाएं
थरूर की इस टिप्पणी के बाद नेटिज़न्स ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ ने उनकी निष्पक्षता की सराहना की, तो कुछ ने इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की।
- एक यूजर ने लिखा – “सर, आप इंसान सही हैं, बस गलत पार्टी में हैं।”
- दूसरे यूजर ने कहा – “अंधभक्त चमचो, इसे कहते हैं जिम्मेदार विपक्ष।”
- तीसरे यूजर की टिप्पणी – “थरूर विपक्ष की परिभाषा हैं, जिसे हम नागरिक शास्त्र की किताब में पढ़ते हैं।”
थरूर ने किया अपनी टिप्पणी का बचाव
शनिवार को शशि थरूर ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने देश के हित में बात की है, न कि किसी पार्टी विशेष के समर्थन में। उन्होंने कहा,
“हम हमेशा केवल पार्टी के हित के संदर्भ में बात नहीं कर सकते। हमें भारत के फायदे के लिए सोचना चाहिए।”
अमेरिका में अवैध प्रवासियों का मुद्दा
अमेरिका में अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर बोलते हुए शशि थरूर ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया होगा कि भारतीय प्रवासियों के साथ अपमानजनक व्यवहार न किया जाए। उन्होंने कहा,
“हमारे लोग अवैध हो सकते हैं, लेकिन वे हमारे देश के हैं। उन्हें बेड़ियों और हथकड़ियों में वापस भेजना सही नहीं है।”
व्यापार और टैरिफ को लेकर बातचीत
व्यापार और टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच गहन बातचीत जारी है। थरूर ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक इस पर ठोस समाधान निकल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि बातचीत नहीं होती, तो अमेरिका द्वारा उठाए गए कुछ फैसलों से भारत के निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता था।
निष्कर्ष
शशि थरूर की यह टिप्पणी बताती है कि विपक्ष में होने के बावजूद वे देशहित को प्राथमिकता देते हैं। उनकी इस निष्पक्ष राय को कई लोगों ने सराहा, जबकि कुछ ने इसे राजनीति से जोड़कर देखा। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर आने वाले महीनों में और चर्चाएं होंगी, जिससे दोनों देशों को लाभ मिलने की संभावना है।
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