
Nagpur violence: नागपुर में सोमवार को दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसमें कई वाहन जला दिए गए और तोड़फोड़ की गई। इस घटना के पीछे एक अफवाह थी, जिसमें कहा गया कि एक प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र ग्रंथ का अपमान किया गया। प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
- सुबह 7 से 9 बजे के बीच, नागपुर के महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम हुआ।
- दोपहर करीब 12 बजे, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के 40-50 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की मजार हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने औरंगजेब के पुतले को कपड़े से ढककर आग लगा दी।
- इसके बाद, अफवाहें फैलने लगीं कि प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र ग्रंथ का अपमान किया गया है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल होने लगे।
- शाम 5 से 7 बजे के बीच, मुस्लिम समुदाय के कई युवा महल इलाके में इकट्ठा होने लगे और नारेबाजी करने लगे। थोड़ी ही देर में हजारों लोग सड़कों पर आ गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
- रात 7:30 बजे हिंसा तेज हो गई। कई गाड़ियां और बाइक जला दी गईं, घरों पर भी पत्थर फेंके गए। यहां तक कि एक क्रेन को भी आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया, लेकिन जब हालात बिगड़ने लगे तो आंसू गैस के गोले छोड़े।
- अब तक 60 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
- इस हिंसा में करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि 5-6 आम नागरिकों को भी चोटें आई हैं।
- प्रशासन ने बड़े इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है और अफवाहों से बचने की अपील की है।
सोशल मीडिया पर नजर
महाराष्ट्र पुलिस की साइबर टीम 100 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है, जिन्होंने भड़काऊ वीडियो और अफवाहें फैलाकर हालात को बिगाड़ा।
नागरिकों से अपील: किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और शांति बनाए रखें। प्रशासन और पुलिस की ओर से दी गई आधिकारिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें।
Nagpur violence: